शुक्रवार, 14 जुलाई 2023

एक पत्र ......पुत्र के नाम : : राहुल ऋषि

       29 सितंबर की वो शाम ,जब तुम्हे पहली बार मैने देखा ,अपनी गोद में लिया,वह ,मेरी जिंदगी की , सबसे बेहतरीन ,अविस्मरणीय शाम थी । ईश्वर का ,तुम्हाई मम्मी का ,या मेरे पूर्व जन्मों का कर्म था जो मेरी गोद में ,नन्हा सा "" चानू "" अपनी गोल गोल आंखो से मुझे देख रहा था। पहली बार जीवन में ** पूर्णता ** का अनुभव हुआ।
      तुम्हारे " हमारी " जिंदगी में आते ही जैसे सब बदल गया , मैं कितना भी प्रयत्न करूं , उस क्षण के अनुभव को शब्दों में नही बदला जा  सकता है ,इसे केवल स्वयं ही अनुभव किया जा सकता है चानू बच्चे ! 
       अब "" हमारी "" जिंदगी का एक ही उद्देश्य था और वो था ,तुम्हे जिंदगी में उस स्थान तक पहुंचाना , जहां तक " हम " , नही पहुंच पाए थे ।
         प्रत्येक पिता का एक ही सपना होता है कि उसकी संतान उस से भी, एक नही ,दो नही ,अनेकों कदम आगे बढ़े ।विश्वास रखना, जितने समय तुम "  हमारी " गोद में रहे ,तब तक एक ही विचार ,दिमाग में होता था ,** दुनिया ** का सारा सुख तुम्हे दे दें ।
          जब तुम चानू से राहुल बने ,तब मुझे लगने लगा था कि तुम्ही हो जो * हमारे * जीवन को बदल सकते हो ,और "" राहुल "" तुमने * हमारे * जीवन को बदल दिया !
          अब ये कहने ,सुनने का समय नहीं है अपितु समझने का समय है कि * हमारे * राहुल ने * हमारा * सारा जीवन ,जो एक दम अस्त व्यस्त था उसे एक ऐसे समतल , सरल मार्ग में बदल दिया है ,जिसकी कल्पना तक * हमने * नही की थी ।हम दोनो ,उम्र के इस दौर में ,सब से शानदार ,सुखद और गर्वीले जीवन को जी रहे है ,जिसका एक मात्र कारण तुम ही हो मेरे बच्चे । तुम्हे हम दोनो की ओर से "" शतकों आशीर्वाद "" !!   उस ,कठिनाई के दौर में, कितनी भी अभावों भरी * हमारी * जीवन यात्रा रही हो ,बस एक ही सपना था कि तुम्हे कुछ बनाना है ।
    * हमें *आज भी वो दिन ,वो शाम ,वो समय ,कभी भूलने वाला नही है, जब तुम्हारे एक फोन की काल ने * हमें * ,हमारी  जिंदगी का सबसे बड़ा उपहार दिया था , उस क्षण ने , हमें, दुनिया के वो सबसे बड़े ,सबसे अधिक भाग्यशाली माता पिता बना दिया था ,जब तुमने बोला , "" पापा ,मेरा गूगल मे सलेक्शन हो गया है ""! ! 
      खुशियों से भरी तुम्हारी ये आवाज सुनकर मुझे डैडी जी की याद आ गई ।जब मैने एस बी आई के एग्जाम के लिए फॉर्म पर साइन कराए तो मम्मी ने कहा ," ये स्टेट बैंक का पेपर क्या तुम निकल पाओगे तो डैडी जी ने मुझे समझाया था की बड़ा सपना देखने वाला कभी छोटा नही रहता ! सपना देखने वाला ही सपने को सच कर सकता है ! !
     कितना सही कहा था उन्होंने मुझसे ,जिसे तुमने भी साबित कर के दिखा दिया !
      अपनी यादों के ये सुनहरे क्षण मैं इस लिए तुम्हे कह रहा हूं क्योंकि हमेशा स्मरण रखना कि एक पिता ही होता है जो अपने पुत्र को  अपने से भी आगे बढ़ते देख कर सबसे
 अधिक खुशी और संतोष का अनुभव करता है । राहुल ,तुम मेरी दुनिया के,मेरे ऐसे अंश हो जिस पर मुझसे अधिक गर्व किसी और को नही होगा ।
मेरे बेटे राहुल , पूरे खानदान में ,मेरे सर्किल में ,मेरे सारे रिश्तेदारों में ,जो सम्मान तुमने हमें दिलाया है ,वो मेरे लिए अकल्पनीय है ।इससे जहां हमारा नाम ,हमारे खानदान में  रौशन हुआ ,वहीं , मेरे  हृदय के कोने में ,आज भी सुख ,संतोष की एक अनोखी चमक , बिखर  रही है ।
     केवल और केवल तुम्हारे वजह ही से ,जो समय "" हमारा ""अब बीत रहा है वो मेरे पूर्व के सारे समयों में सबसे अधिक सुख दायक बीत रहा है ।सच कहता हूं ,इस जिंदगी में ,किशोरावस्था से ही जितना मैने सोचा था ,जो भी मेरे सपने थे , चाहे वो दुनिया घूमने के हों ,या एक बड़ी सी कार लेनी हो ,एक बहुत ही अच्छा घर लेना हो,तुम दुनिया की किसी बड़ी कंपनी में जॉब करना हो , तुमने हमारे प्रत्येक स्वप्न को पूरा कर दिखाया है।  ,हां ,राहुल ,जो तुमने हमारे लिए किया है ,वो हमारे लिए तो आज भी एक सपना ही जैसा है ।  साथ ही हर पिता की  सबसे बड़ी और अंतिम इच्छा होती है कि उसके पुत्र को भी उसके जैसा ही पुत्र मिले ,राहुल ,तुमने "" कुंनू "" जैसा उपहार दे कर ,मेरे जीवन की इस अंतिम इच्छा को भी पूरा कर दिया है।

     ये आज का समय "" हमारे "" जीवन का सबसे अधिक अच्छा समय चल रहा है ।उम्र के इस अंतिम पड़ाव में अब "" हमारी  ""कोई इच्छा नही बची है। हां ,एक कसक हमेशा मुझे रहेगी कि मैं तुम्हे ,तुम्हारे लिए, बचपन और युवावस्था में कोई विशेष सुख नहीं दे पाया ,लेकिन इतना विश्वास ऊपरवाले पर है कि वो ,आगामी जीवन में  तुम्हे कोई कष्ट ,तकलीफ नही होने देगा ।
     राहुल ,तुम भी अब पिता बन गए हो ,परंतु तुम हमारे लिए ,वही पहले दिन वाले ,नन्ही नन्ही ,गोल सी आंखों वाले चानू ही रहोगे ।
     विश्वास रखना मेरे बच्चे ,अगर इस दुनिया के बाद भी अगर कोई दुनिया होगी तो ,"" हमारी "" दुआएं तुम्हे कोई भी कष्ट नहीं होने देंगी । 
     राहुल, मुझे तुम पर गर्व है !!
      

       

रविवार, 28 मई 2023

एक पत्र .............पुत्र के नाम : : कुज्जी बेटा

     मेरे कलेजे के टुकड़े, प्रिय रोहित ,मुझे आज भी वो सुबह याद है जब बड़ी मम्मी ने तौलिये में लपेट कर तुम्हे मेरे हाथों में थमाया और मैने ईश्वर से सबकी कुशलता के लिए धन्यवाद देते हुए जब तुम्हे देखा ,वो मेरी जिंदगी का कभी नहीं भूलने वाला क्षण था ।तुम छोटी छोटी आंखे खोलते हुए ,सीधे हाथ के अंगूठे को मुंह में चूसते हुए ,एक दम गोरे ,चिट्टे ,पतले ,परंतु लंबे से कद वाले "" बिट्टू "" को अपने कलेजे से लगाया तो सच बताता हूं कि ऐसा लगा जैसे इस जिंदगी का सबसे बड़ा उपहार मुझे मिल गया था ।
     मेरी और तुम्हारी मम्मी की खुशियों का तो कोई ठिकाना ही नहीं था ।तुम्हें ,निहारते ,जाने कब चार महीने बीते ही थे कि अचानक अनजाने में मुझसे जो गलती हुई ,शायद उसका पछतावा आज भी हमें है ।तुम कल्पना भी नहीं कर सकते कि तुम्हारे लिए ,तुम्हे ठीक करने के लिए ,हम उस समय, काल में जो भी कर सकते थे वो किया ,और उन बाद के छह महीने में जब ईश्वर ने हमारी प्रार्थना सुन , हमें क्षमा करते हुए जब तुम्हे पुरी तरह से ठीक किया तो , उस सब के लिए हम  आज भी उसका शुक्रिया अदा करते रहते है ।हां ,एक बात और ,तुम ये हमेशा स्मरण रखना , कि उस कठिन दिनों में ,हमेशा ,मुझसे कहीं अधिक ,बहुत अधिक जो "" सेवा "" ,जिस से तुम आज बिट्टू से रोहित बने हो ,तुम्हारी सिर्फ और सिर्फ आशा ,तुम्हारी मम्मी ने की है ,उसका ये उपकार ,अहसान ,तुम कभी भी नहीं भूलना ।पूरे तीन साल तक ,हर दिन,हर समय ,उन्होंने तुम्हे बड़े ही धैर्य से सम्हाला है ।
    इसलिए आज एक बात तुम्हे समझता हूं जो भविष्य में भी तुम्हारे काम आएगा । देखो ,जो भी बच्चा इस दुनिया में जन्म लेता है वो सिर्फ और सिर्फ मां का ही अंश ,उसके शरीर का अंग होता है । पिता तो केवल पालन पोषण करते हुए जीवन में आगे बढ़ना सिखाता है । इस लिए बेटे के बड़े हों जाने पर जहां पिता के साथ उसका व्यवहार एक बराबरी के रूप में हो जाता है जैसे कि मेरे लिए तुम अब बिट्टू नही ,रोहित बन गए हो ,परंतु मां के लिए तुम हमेशा ही हमेशा बिट्टू ही रहते हो और रहोगे ही । मां हमेशा बेटे के साथ ऐसा ही व्यवहार करती है जैसे कि वो अपने स्वयं के लिए करती है ।कहने का मतलब यह है कि हमेशा पिता से अधिक मां का सम्मान करना ,क्योंकि वही एक है जिसके कारण आज तुम वर्तमान की दुनिया में सफलता के साथ आगे बढ़ रहे हो ।
     चलो अब में तुमसे अपने दिल की बात कहता हूं । जब भी मैं अब तुम्हे देखता हूं गर्व से मेरा सिर बहुत ऊंचा हो जाता है ।सुंदर व्यक्तित्व ,अच्छे व्यवहार ,मेरा सम्मान रखने वाले ,कठिन समय में मेरे साथ रहे ,मदद की और जॉब में जब मैनेजर बने तो सही कहता हूं ,मेरी जिंदगी के जैसे सारे सपने पूरे हो गए ।इसके साथ ही ,अबीर को हमारी गोद में दे कर जैसे हमारे जीवन की सबसे बड़ा उपहार ,तुमने हमे दे  दिया है । मैं अपने सर्किल के अधिकांश परिचितों से जब अपनी तुलना करता हूं तो यकीन होता है कि मैं शायद उन सब में ,सबसे अधिक भाग्यशाली हूं । एक पिता के नाते यही कहूंगा कि ,इस जन्म के बाद भी अगर कोई और जीवन मिले तो तुम्हे बेटे के रूप में फिर से पाना चाहूंगा ।विश्वास रखना ,जीते जी ही नहीं ,मरने के बाद भी मेरी दुआएं हमेशा तुम्हारे साथ रहेंगी ,आशीर्वाद साथ रहेगा ।