रविवार, 28 मई 2023

एक पत्र .............पुत्र के नाम : : कुज्जी बेटा

     मेरे कलेजे के टुकड़े, प्रिय रोहित ,मुझे आज भी वो सुबह याद है जब बड़ी मम्मी ने तौलिये में लपेट कर तुम्हे मेरे हाथों में थमाया और मैने ईश्वर से सबकी कुशलता के लिए धन्यवाद देते हुए जब तुम्हे देखा ,वो मेरी जिंदगी का कभी नहीं भूलने वाला क्षण था ।तुम छोटी छोटी आंखे खोलते हुए ,सीधे हाथ के अंगूठे को मुंह में चूसते हुए ,एक दम गोरे ,चिट्टे ,पतले ,परंतु लंबे से कद वाले "" बिट्टू "" को अपने कलेजे से लगाया तो सच बताता हूं कि ऐसा लगा जैसे इस जिंदगी का सबसे बड़ा उपहार मुझे मिल गया था ।
     मेरी और तुम्हारी मम्मी की खुशियों का तो कोई ठिकाना ही नहीं था ।तुम्हें ,निहारते ,जाने कब चार महीने बीते ही थे कि अचानक अनजाने में मुझसे जो गलती हुई ,शायद उसका पछतावा आज भी हमें है ।तुम कल्पना भी नहीं कर सकते कि तुम्हारे लिए ,तुम्हे ठीक करने के लिए ,हम उस समय, काल में जो भी कर सकते थे वो किया ,और उन बाद के छह महीने में जब ईश्वर ने हमारी प्रार्थना सुन , हमें क्षमा करते हुए जब तुम्हे पुरी तरह से ठीक किया तो , उस सब के लिए हम  आज भी उसका शुक्रिया अदा करते रहते है ।हां ,एक बात और ,तुम ये हमेशा स्मरण रखना , कि उस कठिन दिनों में ,हमेशा ,मुझसे कहीं अधिक ,बहुत अधिक जो "" सेवा "" ,जिस से तुम आज बिट्टू से रोहित बने हो ,तुम्हारी सिर्फ और सिर्फ आशा ,तुम्हारी मम्मी ने की है ,उसका ये उपकार ,अहसान ,तुम कभी भी नहीं भूलना ।पूरे तीन साल तक ,हर दिन,हर समय ,उन्होंने तुम्हे बड़े ही धैर्य से सम्हाला है ।
    इसलिए आज एक बात तुम्हे समझता हूं जो भविष्य में भी तुम्हारे काम आएगा । देखो ,जो भी बच्चा इस दुनिया में जन्म लेता है वो सिर्फ और सिर्फ मां का ही अंश ,उसके शरीर का अंग होता है । पिता तो केवल पालन पोषण करते हुए जीवन में आगे बढ़ना सिखाता है । इस लिए बेटे के बड़े हों जाने पर जहां पिता के साथ उसका व्यवहार एक बराबरी के रूप में हो जाता है जैसे कि मेरे लिए तुम अब बिट्टू नही ,रोहित बन गए हो ,परंतु मां के लिए तुम हमेशा ही हमेशा बिट्टू ही रहते हो और रहोगे ही । मां हमेशा बेटे के साथ ऐसा ही व्यवहार करती है जैसे कि वो अपने स्वयं के लिए करती है ।कहने का मतलब यह है कि हमेशा पिता से अधिक मां का सम्मान करना ,क्योंकि वही एक है जिसके कारण आज तुम वर्तमान की दुनिया में सफलता के साथ आगे बढ़ रहे हो ।
     चलो अब में तुमसे अपने दिल की बात कहता हूं । जब भी मैं अब तुम्हे देखता हूं गर्व से मेरा सिर बहुत ऊंचा हो जाता है ।सुंदर व्यक्तित्व ,अच्छे व्यवहार ,मेरा सम्मान रखने वाले ,कठिन समय में मेरे साथ रहे ,मदद की और जॉब में जब मैनेजर बने तो सही कहता हूं ,मेरी जिंदगी के जैसे सारे सपने पूरे हो गए ।इसके साथ ही ,अबीर को हमारी गोद में दे कर जैसे हमारे जीवन की सबसे बड़ा उपहार ,तुमने हमे दे  दिया है । मैं अपने सर्किल के अधिकांश परिचितों से जब अपनी तुलना करता हूं तो यकीन होता है कि मैं शायद उन सब में ,सबसे अधिक भाग्यशाली हूं । एक पिता के नाते यही कहूंगा कि ,इस जन्म के बाद भी अगर कोई और जीवन मिले तो तुम्हे बेटे के रूप में फिर से पाना चाहूंगा ।विश्वास रखना ,जीते जी ही नहीं ,मरने के बाद भी मेरी दुआएं हमेशा तुम्हारे साथ रहेंगी ,आशीर्वाद साथ रहेगा ।