बुधवार, 10 अप्रैल 2024

यात्रा .... अमेरिका ( यात्रा निष्कर्ष )

            अमेरिका ,जिसे मैं ही क्या अधिकांश भारतीय " अमरीका " ही बोलते है ,उसके लिए ये चंद लाइनें हाजिर हैं : : 

   """ शहरे अमरीका में एक चीज की कमी देखी ,गाडियां दौड़ रही थी पर आदमी नही दिखे ,एक अवसर था जीवन का जहां पर हम पहुंचे ,फिर भी लगा ऐसा कि ख्यालों का आसमान नही देखा ,याद आती है प्लेन वाली सुंदर  बालाएं , इसके शहरों में उन्हें किसी भी गली में नही देखा ,सुनी सी शांत सी गलियों के बीच,खोई खोई नजरें तो बहुत देखी पर कोई खुशी नही मिली ना ही दिखी ,सभी कहते हैं जिसे जन्नत परियों का देश ,खिड़कियां बंद बंद मिली ,कोई परी नही दिखी """
        पूरे पांच महीने के लिए , मैं सपत्नीक पहुंचा रहने के लिए ,अमेरिका के प्रसिद्ध शहरों में से एक " सैन फ्रांसिस्को " के समीप , दुनिया की सबसे बड़ी सिलिकॉन वैली कही जाने वाली नगरी ,"" माउंटेन व्यू "" नाम के शहर ,जहां धनाढ्य लोगों के बीच , मेरा बड़ा बेटा ,राहुल ,आई टी इंजीनियर के रूप में ," गुगल " की कंपनी में बड़े इंजीनियर के पद पर ,पिछले 12 से अधिक वर्षों से कार्यरत है । हम जिस मकान में रह रहे है ,वे ,प्राय अमरीका की फिल्मों में दिखाए जाने वाले एक सुंदर सी गली ,चौड़ी सी सड़क ,जिसके दोनो तरफ एक जैसे डिजाईन वाले ,लकड़ी के ही बने ,लेकिन खूबसूरत और आगे पीछे ,व्यक्तिगत ,हरे भरे आंगन से सजे हुए, दिखाई देते घरों में से एक  है ।
   अमरीका के शहरों के बारे में लिखना इस लिए भी आवश्यक है क्योंकि ये भारत के बड़े बड़े शहरों ,मुंबई ,दिल्ली और कोलकाता से एक दम अलग हैं ,जिसे आप यहां आ कर , रह कर ही समझ सकते हैं।
    इन भवनों की एक बात और बताता चलूं ,इनमे से किसी में भी आप ,बिना पूर्व अनुमति के, आ नही सकते हैं ।इनमे रहने वाले ही नही ,सम्पूर्ण अमरीका में रहने वाले ग्रामीण हो या शहरी ,अपने इन घरों या फ्लैटों में ,किसी अन्य का तो क्या ,स्वयं सरकार का दखल सहन नही करते हैं । यहां का हर फ्लैट या घर पूरी तरह से " शीत नियंत्रित " होता है ,जिसे मन मुताबिक ,मनचाहे तापक्रम पर रख सकते हैं ।समूचे घर ,  फर्श , लकड़ियों   से,  दीवारों सहित से बने रहते है या फर्श पर मोटे मोटे कालीन नीचे रहते है ,जिन पर जूते  उतार कर ही प्रवेश किया जाता है ।यही हाल फ्लैटों का भी होता है ।इन सबका टाय लेट ,बाथरूम और किचन ऐसा होता है जहां एक ही नल को बाएं या दाएं घुमाने से ,गरम और ठंडा पानी गिरता है। नहाने के लिए , बाथ टब ही होता है जिनमे भी ऐसा ही नल होता है। टाय लेट में तो पतले कागज के रोल का ही चलन होता है !
     खिड़की से बाहर झांकने पर हर तरफ सुनसान सड़कों ,मुहल्लों के हर घर या फ्लैटों के आगे ,विभिन्न रंगों ,मॉडलों की ,रंग बिरंगी गाड़ियों की कतार ही दिखती है। कहीं से कोई शब्द नहीं सुनाई देता है। सभी खिड़कियां बंद रहती है , और कहीं कोई हार्न की आवाज नही । हम भीड़ भाड़ वाले इलाकों में रहने के आदी लोग ,दो चार दिन में ही बोर हो गए है तो आगे के महीने कैसे काट पाएंगे ,यही सोच कर बैचेन हो रहा हूं ।
      शायद ही हमारे देश के लोग , ऐसी जगह रहने पुनः जाने की सोचेंगे ,लेकिन जिनके बेटे बेटी यहां कार्यरत है ,वे तो आते जाते ही रहते हैं !
    हमें यहां रहते हुए दो माह पूरे हो चुके है और आस पास के ढेरों स्थान हम ,केवल और केवल ,बेटे के पास मौजूद ,बड़ी और कीमती कार से ही घूमे है क्योंकि यहां ट्रेन और प्लेन से बिरले ही घूमने जाते हैं । शायद ये महंगे और असुविधा जनक होते है । या ये कहें की कार अमेरिका के सार्वजनिक जीवन का एक प्रमुख अंग है। इसी कार के द्वारा , परिवार के सहित घूमने पर प्रायः जेहन में जो बातें उतरती है ,शायद उनसे आप अमरीकी समाज की मानसिकता को कुछ समझ सकें ।
    अमरीका को ही नही , हर अमरीकी को ,  स्वयं को,  दुनिया में सबसे बड़ा कहने का " क्रेज " है ! विश्व का सबसे ऊंचा टावर ,सबसे बड़ा पहाड़ी रास्ता ( अपलेशिय रेंज ), जो अमरीका के 14 राज्यों में से हो कर गुजारता है, सबसे बड़ा  एक ही पत्थर का समूचा पहाड़ " लायन रॉक) Atlanta एतलांता में ,सबसे बड़ा स्टोक मार्किट " न्यूयार्क में ,एवम हॉलीवुड ,केलीफोर्निया ,सेंकेसिया इसी अमरीका में हैं , इसे पूरी तरह से देखना शायद ही किसी के लिए संभव हो ! इनमे से जितना भी हो सकेगा हम अपने बेटे और उसकी बड़ी हार्सपोवर वाली गाड़ी से , औसत गति 100 के हिसाब से ,रात के शून्य तापमान और दिनके 18 के ताप मान के बीच, सड़कों के जाल में गुगल मैप की ही सहायता और विशाल दूरियों के बीच घूमते रहते हैं परंतु  मुझे ये यात्रा, प्रायः चिंता में ही डाल देती  है। इसके अलावा अगर कहीं रुकना हो तो 30 डालर के ओसत होटल के एक कमरे के किराया भी अखरता ही है ।
    अमेरिका में प्रवेश  केवल ,आपके सगे संबंधियों के सहयोग से ही संभव होता है और उनसे मिले शपथ पत्र के बिना तो वीजा मिलना भी असंभव ही होता है, जिसमे वे रहने खाने और अन्य खर्चों की जिम्मेदारी को वहन करते हैं । आज के समय में " मेगास्थनीज और हुएन सांग "" जैसे लोग नही मिलेंगे और ना ही यहां के समाज का वो " आतिथ्य लाभ " जो अपने साथ हमें भी वहां घूमने और रहने का अवसर दे !
     हमने अभी तक 2 महीने घूमने में जरूर लगाए है परंतु इनमे ट्रेन , घरों से सटे ,ढेरों  हवाई अड्डे से घरेलू हवाई यात्रा और यहां की प्रसिद्ध जहां तहां से उपलब्ध सार्वजनिक परिवहन की "" ग्रे हाउंड बस "" का कोई योगदान नहीं है ।
        अभी तक की यात्रा में अमरीकी लड़के लड़कियां  ,व्यस्क और बूढ़े सबकी सहद्र्यता को अवश्य अनुभव भी किया है परंतु इनसे अंतरंग बात चीत करके अपनी जिज्ञासा को दूर करने का मौका नहीं मिला है क्योंकि हमे बताया गया है कि घर की काल बेल बजाने से वे नाराज हो जाते हैं ! यह भी बताया गया है कि अगर सुनसान रास्तों पर आपसे कोई पैसा मांगे तो तुरंत निकाल कर दे देना चाहिए नही तो वे  कुछ भी कर सकते हैं ,हांलांकि अभी तक हमने ऐसा नहीं देखा है। यहां के काले रंग के लोगो के बारे में अभी भी भ्रम है पर ,एयरपोर्ट और ग्रोसरी के स्टोरों में कुछ भी गलत नही देखा है। विदेशी होने का डर  ,पूरे अमरीका में नही दिखाई दिया ,परंतु ,हां ,उनकी अंग्रेज कम समझ आती है ,क्योंकि अंग्रेजी के आधे शब्द ,वे बोलने से पहले ,पेट में ही रोक लेते है !
    अमरीका में शराब को " वाइन " के रूप में हर जगह बेची जाती है ,शायद उनमें अधिक नशा नही होता होगा ,फिर भी 18 वर्ष से कम आयु के लोग इसे नही खरीद सकते । हर किसी को इन्हे खरीदते समय अपनी उम्र लिखवानी पड़ती है जो उनको मिलने वाली रसीद पर अंकित होती है।
     "" सर्वे संतु निरामया "" अमरीका समाज में बहुत हद तक प्राप्त है क्योंकि  बाप अपने बेटे को ,पति अपनी पत्नी को एक थप्पड़ भी नही मार सकता है। 197 या 911  डायल कीजिए और पुलिस 3 मिनट के अंदर दरवाजे पर हाजिर,बाप या पति को सीधे जेल में, सुनवाई बाद में ! साधारण नागरिक हो या शहर का मेयर,सब के लिए एक जैसा व्यवहार ,उदाहरण के लिए  ,अगर निर्धारित मात्रा से अधिक नशे में , गाड़ी चलाते पकड़ा गया तो सीधे जेल में ! एक बार तो राष्ट्रपति बुश की भतीजी को अधिक नशे में गाड़ी चलाते पकड़े गया तो जुर्माना भरकर ही छूटी। ऐसे ही रंग भेद हो या दुर्व्यवहार हो  या ऐसे ही अन्य कारण हों ,इनके समाचार प्रायः आते रहते हैं जो अमरीकी समाज को अभय प्रदान करते हैं। फिर भी छोटे मोटे अपराध ,पर्स छीनना,कारों के शीशे तोड़ कर समान चोरी करना आदि होते रहते हैं।घरेलू झगड़ों में आप अपना पक्ष ,फेमिली कोर्ट में स्वयं लड़ सकते हैं , और सिंगल जज का फैसला उन्हें मान्य होता है । हद से ज्यादा नागरिक अधिकार और स्वतंत्रता इस हद तक लागू हैं कि जैसे ट्विन टावर गिराने के बाद भी आधे घंटे तक कोई सैनिक विमान नही उड़ा ,इनकी परमाणु मिसाइलों से युक्त मिसाइल ,जो सिर्फ 5 मिनट में सक्रिय हो जाती है वो भी नही चली क्योंकि सेना को किसी भी नागरिक विमान को गिराने की अनुमति नहीं है ,जो उन्हें इस घटना के बाद ,आधे घंटे बाद ही मिली थी । और तो और ,जिन 14 नागरिकों को ,इन आतंक वादियों के साथ संबंध रखने के शक में पकड़ा गया वे भी इसी नागरिक न्याय व्यवस्था के कारण से बे दाग छूट गए !
   अमरीकी समाज स्वतंत्रता ,खुला सेक्स ,शराब और जूए पर चलता है पर कठोर कानून ,चुस्त पुलिस और निष्पक्ष न्याय के अंदर । विश्व के सबसे मजबूत देश के सबसे शक्तिशाली राष्ट्र पति ""  ट्रंप "" का उदाहरण सामने ही है।
        बड़े जुआ घर " लास वेगास और "" अटलांटा सिटी का वैभव और नजारा देखने लायक है जिसमे सरकार और आयोजकों  को खूब आय ,यहां तक की हर शहर की डेली लाटरी का नंबर अखबारों में निकलते हैं जिनमे मिलियन डालर्रो की जीत भी होती है। जुआ घरों  से होने वाली आय का अंदाजा लगाना भी संभव नहीं होता पर अमरीकी बजट का बड़ा अंश ,एक्साइज और जुआ  से ही प्राप्त होता है। सेक्स का ये हाल की 14 साल की 8 प्रतिशत लड़कियां भी मां बन जाती है तो खुले टी वी शो में आयोजक उनके पिता का नाम पूछते हैं तो वे निसंकोच अपने और बच्चे के पिता का नाम बताती हैं । 17 वर्ष से ऊपर के लड़के लड़कियां अपना जीवन साथी स्वयं चुनते है ,हां पर,  इनसे कम उम्र होने पर उनके पिता को इस के लिए जुर्माना भी भरना पड़ता है ! यहां की पुलिस के एक इशारे पर ,चारों तरफ की पुलिस की गाड़िया अपराधियों के पीछे लग जाती है और तरह तरह के उपकरणों से लैस होने के कारण वे उन्हें पकड़ भी लेते हैं ।
    पुलिस ,न्यायाधीश ,मेयर गवर्नर प्रायः अधिकांश पदों के चुनाव होते हैं ।सभी कोई न्याय के दायरे में ही चलते हैं । इसी तरह यहां की शिक्षा प्रणाली भी छात्र के अनुसार ,उसकी सुविधा के अनुसार ही काम करती है ,इसमें सरकार का कोई  हिस्सा नहीं होता । अधिकांश छात्र शिक्षा पूरी करने के बाद,सेना में चले जाते हैं ।
   अमरीका  के हर छोटे बड़े शहर में भारतीय होटल ,रेस्टोरेंट और मार्केट मिल जाते हैं ,जिनसे अभी तक हमे लगा ही नहीं कि हम अमेरिका में , खाना खा रहे हैं ,हालांकि उनका मूल्य ,भारत से बहुत अधिक होता है , लगभग 15 से 20 गुना ज्यादा ,पर अब ये कीमत अखरती नही हैं  !
   अमरीका में बहुत सी बातों का चलन ,हमारे देश के अनुसार उल्टा होता है ,जैसे बिजली की पॉवर 110 वाट ,होती है ,हमारे यहां  बिजली के स्विच नीचे की तरफ करने पर ,ऑन होते हैं ,यहां पर ऊपर की ओर ,ऑन होते हैं , ऐसे ही सड़कों पर सीधे हाथ की ओर ड्राइविंग होती है ,गाड़ी के हॉर्न शांत रहते हैं तो चौराहों पर कोई भी पुलिस नही होती ,इसके साथ ही नेताओं की आडंबर हीं कार्य शैली ,भीमकाय ट्रकों पर , क्रेन से बहुत सारे वाहनों को लटकाए अकेला ड्राइवर  अक्सर दिखाई देते रहते हैं, और  एक विशेष बात ,यहां  हर तरफ जंगली हिरण भी आजादी से घूमते रहते हैं  जिन्हे साल के एक निश्चित दिन ,सार्वजनिक रूप से मारा जाता है ।
     सच्ची बात यह है की सस्ते पेट्रोल पर आधारित ,गाड़ियों के पहियों पर ,यह समाज बहुत निर्भर है ।एक विशेष बात ,पूरे अमरीका में कहीं भी चले जाइए ,निर्जन क्षेत्र हों या आबादी वाले ,हर तरफ ,कड़ी मेहनत से लगाए फूल और हरियाली दिखती है ,जिसे कोई भी नुकसान पहुंचाने की सोच भी नही सकता  । वास्तव में इसके लिए अमरीका में एक अलग से भी मंत्रालय है जो पूरी जिम्मेदारी से इनकी मेंटीनेंस भी करता है.।
       यहां के स्टोरों में जो पहनने के कपड़े मिलते हैं वे सब के सब ओवर साइज होते हैं क्योंकि यहां के अधिकांश निवासी भी ओवर साइज ही होते हैं ।घर से निकले और सीधे गाड़ी पर , पैदल चलने की आदत ही नही ! 
    विदेशी घुसपेठ भी यहां बड़ी समस्या है ,मुख्यत मेक्सिको से , जो कि सस्ते दरों पर सारे काम करने को तैयार रहते है ,इसके साथ ही वेध ढंग से आए ,भारत समेत ,सारी दुनिया के , मुख्यत  डाक्टर ओर इंजीनियरों का भी यहां स्वागत  होता है । इस संदर्भ में एक उदाहरण बताना जरूरी है की किसी कार्य से मैने ,कहीं जाने के लिए टैक्सी बुक की ,रास्ते में मैं अपनी पत्नी से हिंदी में बात कर रहा था ,तो ड्राइवर ,पीछे मुड़कर बोला ,जी हां ,हिंदी में बोला ,आप भारत से या पाकिस्तान से हैं क्या ,आश्चर्य चकित ,हो मैने उस से पूछा , तुम हिंदी भी जानते हो तो बोला की मैं हिंदी ही नही , सात अलग अलग भाषाएं बोल सकता हूं क्योंकि मेरा व्यवसाय ही आप जैसों से बात करना ही है । तो मैने अब उस से पूछा ,तुम अमरीका के किस शहर से हो तो जवाब आया , मैं मेक्सिको से हूं ,पूरे अमरीका में असल अमरीकी तो शहरों से दूर ,छोटे छोटे गांवों ,कस्बों में रहते है ।ये जो भी यहां रह रहे हैं उनमें 90 प्रतिशत अमरीका से बाहर के हैं जो अब ,बातों से ले कर ,कार्य शैली तक ,पूरे  के पूरे अमरीकी ही बन गए हैं !
     यहां मेडिकल सुविधा बहुत ही महंगी है ,बिना इंश्योरेंस के कोई ,इलाज की कल्पना भी नहीं कर सकता ,प्राइवेट नर्सिंग होम या प्रेक्टिस पर यहां पूरी तरह से रोक है ।
    एक बात यहां बड़ी ही अच्छी है । वरिष्ठ नागरिकों को यहां हर तरीके से छूट मिलती है ,चाहे किराए के रूप में हो या किसी भी क्षेत्र में हो,उनके लिए हर जगह अलग वरीयता और व्यवस्था होती है ,जो वास्तव में दिल को छूने वाली बात है ।
    निष्कर्ष यही है कि किसी भी काम को छोटा बड़ा नही समझना ,दिए कार्य को पूरी मेहनत और ईमानदारी से करना ,अपने देश को दुनिया से आगे रखना , केवल और केवल इसी दिली भावना ,जो यहां के हर नागरिक में है ,जिसके  कारण ही ,वास्तव में "" अमेरिका "" ,अमेरिका है !
     बस अब अंत में , जो बात ,खासकर भारत के संदर्भ में ,  उनके चाहे जो भी शहर हो,भीड़ भरे चौराहे ,गंदी बस्तियां सड़कें हो तो उनका अनुभव  और हरी सब्जियों का जो स्वाद है ,फूलों में जो खुशबू है उसकी बात ही अलग है ! !
      ऊपर वर्णित बातों को इसी लिए आपको बताया है कि जब आप मेरे साथ ,अगले ब्लॉग्स में ,अमरीका के विभिन्न शहरों की यात्रा " शब्दों की यात्रा " करने चलेंगे तो ,अमरीका के बारे में अपना दृष्टिकोण ,मेरे बताए अनुसार ही बनाए रखेंगे ! ! !


       ( शेष ...... यात्रा का आरंभ ,अगले भागों में )





1 टिप्पणी:

  1. बिल्कुल सही विवरण है। वहां सुबह पैदल चलते लोग दिखते ही नहीं। लंबी और तेज दौड़ती गाड़ियां ज्यादा ।
    इस प्रकार के रोचक व्लाग भेजते रहें।

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